के जिससे राज़ी है दावर हुसैन ज़िन्दा हैं।
मिनिस्टरों के मिनिस्टर हुसैन ज़िन्दा हैं।
हुसैनियों के गवर्नर हुसैन ज़िन्दा हैं।।
उन्ही का ख़ौफ़ है क़ायम जो आज दुनिया में।
लरज़ रहे है सितमगर हुसैन ज़िन्दा हैं
यक़ीन गर नही आए तो देख लो तुम भी।
कलामे पाक को पढ़कर हुसैन ज़िन्दा हैं।
उन्ही के सद्के़ जहाँ में बुलंद है अब तक।
सदाए अल्लाहो अकबर हुसैन ज़िन्दा हैं।
हुसैन मर गये केहना हराम है हम पर।
हमारे क़ल्ब के अंदर हुसैन ज़िन्दा हैं।
क़ज़ा खड़ी है मेरे इन्तेज़ार में लेकिन।
मैं जी रहा हूँ ये सुनकर हुसैन ज़िन्दा हैं।।
उन्ही की राह पे चलते रहो सदा शारिक़।
क़सम ख़ुदा की हैं हक़पर हुसैन ज़िन्दा हैं।।
शायर :- शारीक़ अली शारीक़
खरगोन म.प्र.
contact:- shariqali555@gmail.com
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